एक फ़साना हबीब -अना तनवीर
पिछले दिनों मैं भोपाल स्थित 'इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय ' में था और मौका था नया थियेटर के गोल्डेन जुबली वर्ष का.मानव संग्राहलय ने अपने आयोजन "हबीब उत्सव"के तहत दो दिनों का 'सुरता हबीब ' नाम से सेमीनार भी कराया था जिसमें प्रसन्ना.वामन केंद्रे,लताफत हुसैन ,महमूद फारूकी,शम्पा शाह,नया थियेटर के पुराने कलाकार,प्रयाग शुक्ल,डॉ.विनायक सेन,अनूप जोशी, आदि नामवर रंगकर्मी जुटे.पर इस पांच दिवसीय हबीब उत्सव की खासियत दो मायने में महत्वपूर्ण है.पहला कि इसमें हबीब साहब के 'आगरा बाज़ार,राजरक्त,सड़क,चरणदास चोर,कामदेव का अपना वसंत ऋतु का सपना,जिन लाहौर नहीं वेख्या वो जन्म्या ही नई,नाटकों का मंचन हुआ.पर दूसरी बात जो है वो उन सब में अहम है औए वो ये कि इस पूरे उत्सव के दौरान एक चेहरा सबको हैरत में डालता रहा वो था -हबीब साहब की बेटी अन्ना तनवीर का,जो फ़्रांस की बहुत मशहूर सिंगर है.कलाकार पिता की कलाकार बेटी.आप चौंक गए ना?जी हाँ सबकी यही पता था कि हबीब की एक ही बेटी थी - नगीन तनवीर ,पर आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अन्ना नगीन से बड़ी हैं और काफी प्रतिभाशाली भी.वह न...