तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो-खाली पेट मुस्कान से.

मैं जानता हूँ,सचिन. आज तुम्हारा जन्मदिन है. बहुत बधाईयाँ मिलेंगी तुम्हें, यहाँ,वहाँ इधर उधर से भी / पर वह दुआएं नहीं पहुँच पाएंगी तुम तक जिनको दिन भर के मर-खपने के बाद भी एक अदद सौ का नोट नहीं मिल पाता जिन घरों में बच्चों को गीला भात नमक-हल्दी मिलकर खिला दिया जाता है और औरतों को पेट बाँध सोने की आदत होती है. किसी ढंग की जगह ...पर उन्होंने तुम्हें खेलता देखा होता हैऔर इन सभी परेशानियों में भी तुम उनके चेहरे पे मुस्कान का सबब बन जाते हो. जन्मदिन तुम्हें मुबारक हो .. मैं यह झूठ नहीं कहूँगा तुमसे कि तुम जियो हजारों साल, मुझे पाता है यह संभव नहीं. हाँ यह कहूँगा अगर तुम्हारे चौके-छक्के से लोग भुखमरी भूल मुस्कराते हैं तो 'प्यारे सचिन'इस जन्मदिन पर यह करो कि इनकी यह मुस्कान कायम रहे क्योंकि जिस मुस्कान के पीछे तुम्हारा खेल है कमबख्त सरकार उसे अपनी नीतियों की सफलता कहती है. और इस पर तुम्हारा जोर नहीं है तुम बस अपना काम किये जाओ काम किये जाओ·