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अमिताभ का सिनेमा (सुशील कृष्ण गोरे)

(इस लेख को समालोचन ब्लॉग से साभार लिया गया है)   डॉ . हरि‍वंशराय   बच्चन   ने   उन्हें   अपनी   सर्वश्रेष्ठ   कवि‍ता   माना   है.   मैं   अमि‍ताभ   को   सभी   सर्वनामों   की   एक   संज्ञा   मानता   हूँ.अश्चर्यजनक   सफलता   के   बीच   सौम्यता ,  दंभहीन   अनुशासन ,  वि‍नम्र   स्पष्टता ,  धैर्यवान   संतुलन ,  संकटों   को   परास्त   कर   देने   वालीअदम्य   शक्ति   जैसे   गुणों   की   अद्भुत   खान   हैं   अमि‍ताभ.   एक   ऐसा   वि‍शेष्य   जि‍सके   आगे   सभी   वि‍शेषण   छोटे   पड़ते   हों.   उनकीअपराजेय   शक्ति   का   लोहा   तो   दो   बार   काल   को   भी   मानना   पड़ा   है. सि‍नेमा   का   रूपहला   पर्दा   हो   या   जीवन   की   जंग   अमि‍ताभ   अंत   में   एक   अपराजि‍त   नायक   बनकर   उभरते   हैं.   यह   संयोग   ही   हैकि   फि‍ल्मी   पर्दे   पर   उनके   द्वारा   नि‍भाए   गए   एंग्री   यंगमैन   के   जि‍न   सशक्त   कि‍रदारों   को   बॉक्स   ऑफि‍स   पर   कीर्ति‍मानों   के   नए   झण्डेगाड़ने   वाला   माना   जाता   है  -  वे   सब   वि‍जय   थे.   एंग्री यंगमैन   नाम से एक   आयरिश लेखक ल