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लोकधर्मी नाट्य-परंपरा और भिखारी ठाकुर : स्वाति सोनल

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स्वाति सोनल दिल्ली विश्वविद्यालय की शोधार्थी और विश्वविद्यालय शिक्षण सहयोगी  हैं. फिलहाल लोकनाटकों पर पीएच.डी. शोधरत हैं. जन्नत टाकिज के लिए भिखारी ठाकुर पर लिखा इनका शोध -पत्र  साभार आप सभी के लिए प्रस्तुत है-मॉडरेटर. ----------------------------------- चित्र साभार: http://www.exoticindia.com/books/nzc616.jpg भारतीय लोकधर्मी नाट्य-परंपरा की प्राचीनता, विविधता, शक्ति व समृद्धि निर्विवाद है। आदिनाट्याचार्य भरतमुनि द्वारा रचित ‘नाट्यशास्त्र’ में भी ‘लोक’ के बुनियादी महत्त्व को रेखांकित किया गया है। अवश्य ही भरत के समक्ष नाट्य-प्रयोग की एक सुदृढ़ परंपरा रही होगी जो कि ‘लोक-परंपरा’ के रूप में उपस्थित होगी। ‘ नाट्यशास्त्र ’ में भरत ने इसी उपस्थित परंपरा को एक सुसंबद्ध व सर्वमान्य रूप प्रदान करने की चेष्टा की होगी। तभी उन्होंने ‘नाट्यशास्त्र’ में स्थान-स्थान पर ‘लोक’ के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए किसी भी प्रकार के संशय की स्थिति में उसके समाधान हेतु ‘लोक’ की ओर दृष्टि का निर्देश किया है – “लोको वेदस्तथाध्यात्मं प्रमाणं त्रिविधिं स्मृतम् I वेदाध्यात्मपदार्थेषु प्रायो ...

हंगामा है क्यों बरपा " देसवा"और पक्ष-विपक्ष

इंडिया हैबिटेट सेंटर में 'देसवा'के प्रदर्शन के बाद जितनी चर्चा इस फिल्म को लेकर उठी है या सोशल नेटवर्किंग साईट फेसबुक पर जबरदस्त टिप्पणियों (जो व्यक्तिगत हमलों तक पहुँच गयी या ले ली गयी  ) का जो दौर चला है,उसे मैं एक सकारात्मक कदम मानता हूँ | जिसका प्रभाव आगे आने वाली इस तरह की भोजपुरी फिल्मों पर पड़ेगा इसकी थोड़ी उम्मीद की जा सकती है | देसवा को लेकर अविनाश (मोहल्ला लाईव ) और अमितेश के अपने अपने पक्ष रहे और बाद में स्वप्निल जी ने भी चवन्नी पर अपनी राय दी है |  मेरी बात पहले अमितेश के लिखे से है,फिर स्वप्निल जी के और तब मेरी बात 'देसवा' को लेकर है की क्यों मैं देसवा के पक्ष में हूँ | अमितेश ने 'देसवा' के पक्ष में नहीं होने के अपने कारण गिनाये हैं और देसवा को एक बेहतर सिनेमा बनते बनते एक औसत सिनेमा रह जाने को लेकर पूरी बात रखते दिखाई देते हैं | जिसपर कईयों ने उनके साथ नूराकुश्ती शुरू कर दी | यह भी दुरुस्त स्थिति नहीं है | हम कोई लक्ष्मण रेखा नहीं खींच सकते कि कौन हमारे सिनेमा के पक्ष में खड़ा  होगा , कौन नहीं या किसे नहीं खड़ा होना चाहिए | अमितेश सिर्फ देसवा को ...