भगवान् बचाए इन चाटों से....(कैंटीन ओनर्स वाले )
अब विभागों में मिड-टर्म परीक्षाओं की घंटियाँ लगभग बज चुकी हैं या फ़िर बजने ही वाली है.ऐसे में अब तक कैंटीन ओनर्स करने वाले (वैसे छात्र जो घर से अपना बोरा-बस्ता लेकर आते तो हैं कॉलेज पर सारा दिन कॉलेज कैंटीन में गप्पे और पता नहीं क्या-क्या हांकते रहते है)छात्रों ने अपनी परीक्षा पास करने की मुहीम तेज़ कर दी है.ऐसे होनहार बिरवानों के कारण कुछ तो छुटभैये सीनियर बड़े खुश होते हैं ,तो कुछ की वाकई शामत आ जाती है.छुटभैये किस्म के सीनियर इन होनहारों के लिए तत्काल कोटा के समान होते हैं या फ़िर रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन के जैसे.दरअसल ,इन कैंटीन ओनर्स वाले जूनियर मित्रों/साथियों के इर्द-गिर्द काफ़ी ऐसी बालिकाएं भी साथ देती रहती हैं जो इनके द्बारा बताये गए (माने फेंके गए गप्पों)बातों की खासी मुरीद/फैन होती हैं और इसी मौके पर इस अभियान में जोर-शोर से उनका साथ देती है ,जिस मिशन का नाम होता है-सीनियर पकडो-नोट्स टेपों.छुटभैये सीनियर को तो बस इसी मौके का इंतज़ार होता है और यही सही मौका भी क्योंकि जिस डिपार्टमेन्ट ने उन्हें नाकारा करार देकर इस वर्ष एडमिशन नहीं दिया होता है,तो ये अपने जूनियर्स को बताते ...