कमबख्त फिल्म ...
किसी फिल्म के हिट होने का क्रेटेरिया क्या है या होता है?बहुत संभव है मेरी और आपकी राय लगभग समान हो.बीबीसी हिंदी पर कमबख्त इश्क के हिट होने की खबर है साथ ही यह भी कि अक्षय कुमार ने भव्य पार्टी दी और शाहरुख़ खान को भी पार्टी में बुलाया.यह एक अलग बात है.मेरी समस्या अक्षय कुमार की इन दिनों की कुछ फिल्मों से बढ़ी है.और मैं यह सोचता हूँ कि फिल्म के लिए स्क्रिप्ट का दमदार होना जरुरी है या नहीं?कोई नाम मात्र की भी स्टोरी लाइन तो हो..पर नहीं. दर्शकों का टेस्ट क्या हो चला है इसे पकड़ पाना ना तो ट्रेड पंडितों के पास है ना ही फिल्म समीक्षकों के पास. "कमबख्त इश्क"कुछ उन फिल्मों में से थी जिनके लिए सिनेडियों(सिनेमा प्रेमियों)ने बहुत बेसब्री से इंतज़ार किया था मगर सही में यह फिल्म जिस तरह से बन कर सामने आई है उसे देख कर यही कहा जायेगा कि कम-से-कम अब साजिद नाडिया..और शब्बीर खान क्या दिखाना चाहते थे उनसे ही पूछा जाये तो बता नहीं पायेंगे..पर विडम्बना है कि फिल्म हिट है. मेरे लिए यह फिल्म देखना एक त्रासदी से गुजरने जैसा अनुभव रहा है.यह फिल्म कमबख्त इश्क से कमबख्त फिल्म में शुरू होते ही तब्दील ह...