मैं तारिक शाह को मोहब्बत इनायत करम की वजह से याद करता हूँ।
----- 1990 के आसपास एक फ़िल्म आयी थी - बहार आने तक। दूरदर्शन के जमाने में उस फिल्म के गानों ने धूम मचा दिया था। उसका एक गीत रुपा गांगुली और सुमित सहगल पर फिल्माया गया था 'काली तेरी चोटी है परांदा तेरी..इस गीत को मेरे देखे शादियों में वही दर्जा मिला जो 'मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियां' को प्राप्त था। इस फ़िल्म में एक और अभिनेता थे, जिनको नोटिस करना मेरे लिए आज तक आसान इसलिए रहा क्योंकि सुमित सहगल के सामने मझोले से थोड़े चवन्नी कद का एक अभिनेता भी था जो मुनमुन सेन के साथ एक गाने में दिखा और ऋषि कपूर वाली उदात्तता के किरदार को निभाने आया था। उस हीरो का गाना भी खासा हिट हुआ था - 'मोहब्बत इनायत करम देखते हैं, कहाँ हम तुम्हारे सितम देखते हैं'- बहार आने तक के दोनों गाने लंबे समय तक रेडियो और टीवी के चार्ट बस्टर में खूब चले। नब्बे के दशक की रूमानी दुनिया में तैराकी करने वाले अधिकतर लोग तारिक शाह पर फिल्माए इस गाने को जरूर सुनते हैं। वह अलग बात है कि दूसरी ओर ग़ज़लों के उस्ताद सुनने वाले इस गाने को खास तवज़्ज़ो नहीं देते उल्टा इसमें वह अपनी एक उस्तादी जरूर ठूस देते हैं कि छोड़ो मियाँ...