जाना 'बालेश्वर यादव' का-स्मृति शेष
आज जबकि भोजपुरी लोक-संगीत अपनी अस्मिता की लड़ाई में संघर्षरत है,वैसे में बालेश्वर यादव जैसे लोक-गायक के असमय निधन से भोजपुरी अंचल और इसके लोकसंगीत को अपूरणीय क्षति हुई है.बालेश्वर यादव भोजपुरी समाज और भाषा के महेंद्र मिश्र वाली परंपरा के लोक कलाकार थे.श्री यादव लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में कुछ समय से इलाज़ हेतु भर्ती थे.बालेश्वर यादव को उत्तर प्रदेश की सरकार ने 'उनके लोक-संगीत में अतुलनीय योगदान हेतु 'यश भारती सम्मान'से नवाज़ा था.इतना ही नहीं बालेश्वर पुरस्कारों की सरकारी लिस्ट के गायक नहीं बल्कि सही मायनों में जनगायक थे,उन्होंने भोजपुरी के प्रसार के अगुआ के तौर पर देश-विदेश में पहचाने गए.ब्रिटिश गुयाना,त्रिनिदाद,मारीशस,फिजी,सूरीनाम,हौलैंड इत्यादि देशो में मशहूर बालेश्वर यादव जी के मौत भरत शर्मा,मदन राय,प्रो.शारदा सिन्हा, आनंद मोहन,गोपाल राय जैसे गायकों को भोजपुरी अस्मिता में उनका साथ देने वाले एक स्तम्भ के गिरने जैसा है.ईश्वर बालेश्वर यादव जी की आत्मा को शांति दे और भोजपुरी गीत संगीत से बलात्कार करने वाले सड़कछाप गायकों को सद्बुद्धि दे
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